Gulabkothari's Blog

April 24, 2009

सबसे पहले देश

विधानसभा चुनाव की खुमारी अभी उतरी नहीं थी, कि लोकसभा चुनाव धमक पडे। सारे कामकाज ठप हो गए। महंगाई चुनावी चन्दे की चादर ओढकर फूले नहीं समा रही। चुनाव की गर्मी सभाओं के साथ उठती है और सभा समाप्ति के साथ ही उड जाती है। बडी सभाओं में तो स्थानीय लोगों के बजाये बाहरी लोगों के भाव बढ रहे हैं। हालात कमोबेश राजस्थान जैसे ही हैं, कुछ अच्छे ही रहेंगे।
गत विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में भाजपा को पुन: सरकार बनाने का जनादेश मिला था। लोकसभा की भी 29 में से 24 सीटें भाजपा की झोली में थीं। शिखर पर बैठने वाले के लिए ऊपर जाना संभव नहीं होता। चलना है तो नीचे आना ही पडता है। देता भी वही है जिसके पास होता है। इसी सिद्धांत के अनुसार यदि कुछ देना पडा तो भाजपा को ही देना पडेगा। कांग्रेस के पास केवल चार सीटें हैं, तो देगी क्या! उसे तो मिलना ही है। यही संघर्ष है- कांग्रेस अधिक से अधिक लेने का प्रयास कर रही है और भाजपा टूट को रोकने का।
कांग्रेस की संगठन क्षमता विधानसभा चुनावों के मुकाबले कुछ सुधरी भी है। कमलनाथ अपने क्षेत्र में अटक गए। हार गए तो नेतागिरी उठने का डर है। अर्जुन सिंह, राहुल सिंह का प्रभाव उठ गया है। दिग्विजय सिंह को प्रचार के लिए प्रेरित किया जान पडता है। पहली बार 19 अप्रेल को बाहर निकले हैं। सुरेश पचौरी जरूर एक बार पूरे प्रदेश का दौरा कर चुके हैं। आलाकमान की कृपा दृष्टि इन पर ही दिखाई दे रही है। राहुल गांधी ने चुनाव घोषणा से पहले ही दौरा शुरू कर दिया था। इनके सामने टिकटों के आवंटन की नाराजगी अभी भी कई क्षेत्रों में दिखाई दे रही है।
भाजपा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर भी अपने निर्वाचन क्षेत्र से बाहर निकलने में स्वयं को असमर्थ पा रहे हैं। उमा भारती तो लगता है राजनीति छोड गई हैं। कहीं उनका नाम लेवा ही नÊार नहीं आया। उनके कार्यकर्ता भी जहां से आए थे, वहीं लौट गए। उनके मतदाता भी नई जगह तलाश करेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पूरी तरह जोश में दिखाई दे रहे हैं और आशान्वित भी हैं कि अधिकांश सीटों को रोकने में सफल रहेंगे।
भाजपा को एक झटका यह भी लगा कि उसकी एक मंत्री रंजना बघेल ने गंगूबाई को चांटा मारकर नेताओं के मुंह एक बार तो बंद कर ही दिए थे। उधर जाटव समाज में कांग्रेस विधायक माखन सिंह की हत्या से ग्वालियर, भिण्ड, मुरैना क्षेत्र में भी कुछ नुकसान हो सकता है। इस क्षेत्र पर ज्योतिरादित्य की भी प्रतिष्ठा दांव पर लगी है, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष इन सीटों को (कम से कम भिण्ड और मुरैना को) तो कांग्रेस भी झोली में मानकर ही चल रहे हैं।
इस बार चुनाव में दोनों ही पार्टियों के पास कोई मुद्दा उभरकर सामने नहीं आया। इससे चुनाव परिणाम व्यक्ति की सामथ्र्य पर अधिक निर्भर करेंगे। चुनाव के शुरू के दौर में कांग्रेस ठण्डी थी। राजकुमार पटेल का नामांकन रद्द होने के बाद तो मानो उसे लकवा ही मार गया था। यहां तक बातें होने लगी थीं कि सोच समझकर मुख्यमंत्री ने दिग्विजय सिंह के साथ समझौता करके पर्चा गलत ही भरवाया था। नहीं तो नौ बार चुनाव लड चुके पटेल इतनी बडी भूल कैसे करते! सुषमा स्वराज के सामने विदिशा में कांग्रेस प्रत्याशी नहीं होने से कार्यकर्ताओं में चुनौती का भाव ही समाप्त हो गया। वे वोट बढाने में लगे हैं। कांग्रेस कार्यकर्ता प्रयास कर रहे हैं कि भाजपा की जीत को कैसे छोटा किया जाए।
मध्यप्रदेश में मतदान का प्रतिशत भी लगातार घट रहा है। आज भी शाम को कुछ युवा मतदाता क्रिकेट देखेंगे। गर्मी के तेवर भी कुछ बाधा बन सकते हैं। लोगों को फिर भी अपने अधिकार का विवेक सम्मत प्रयोग अनिवार्य रूप से करना ही चाहिए। हमारे सामने विडम्बना ही है कि एक ओर चुनाव आयोग जातिवाद को नकार रहा है, वहीं दूसरी ओर आरक्षण का आधार भी जातिवाद को ही बना रखा है। इसे भी तोडना है।
मध्यप्रदेश में इस बार भी भाजपा आगे तो रहेगी ही, किन्तु महाकौशल और विंध्य में कुछ परिवर्तन की हवा बनी है। ये क्षेत्र ही कुछ बदलाव लाएंगे। इनमें भी अधिकांश सीटें तो भाजपा के पास ही हैं। इनमें कितनी टूटेंगी और कितनी रहेंगी आज पहले चरण में तय हो जाएगा।
गुलाब कोठारी

20 Comments »

  1. aadarniya mahanubhav ko shat shat paraanaam.
    maine aapki kewal manas kitab padhi hain. is pustak kai ansuljhe prashano kaa samaadhaan ho gaya. mujhe aapke dwara rachit anya saahitya kahan aur kaise uplabhdh hoga…i m from muzaffarnagar uttar paredesh

    Comment by amit — May 2, 2009 @ 7:00 | Reply

    • पत्रिका पुस्तकालय से सम्पर्क कर लें।

      Comment by gulabkothari — May 19, 2009 @ 7:00 | Reply

  2. आप ब्लॉग पर…
    मेरे लिए आज की ये सबसे अच्छी खबर ..

    Comment by cartoonist ABHISHEK — April 24, 2009 @ 7:00 | Reply

    • अच्छी क्यों, इसका भी अच्छा कारण होना चाहिए।

      Comment by gulabkothari — April 28, 2009 @ 7:00 | Reply

  3. Aap jese shikar purush jo unchaiyo ko chhoo chuke hai. Hindi Blog Spot par Aaye Hai to isse Hindi Blog Spot ki duniya me bhi ek naya aayam judega.

    Comment by Fakeer Mohammad Ghosee — April 24, 2009 @ 7:00 | Reply

    • भाषा भले ही शिखर तक नहीं ले जाए, किन्तु भाव यदि बने रहे तो हर कोई संकल्प करके शिखर छू सकता है। नए शिखर का निर्माण भी कर सकता है।

      Comment by gulabkothari — April 28, 2009 @ 7:00 | Reply

  4. are! aapka blog, wah! narayan narayan

    Comment by govind goyal,sriganganagar — April 24, 2009 @ 7:00 | Reply

  5. ब्लॉग पर आपको देखा तो बहुत ख़ुशी हुई

    Comment by rajeev jain — April 23, 2009 @ 7:00 | Reply

    • इस खुशी की महक भी फैलनी चाहिए।

      Comment by gulabkothari — April 28, 2009 @ 7:00 | Reply

  6. में उस गुलाब के चरणों में शीश झुकता हूँ ,जो महा दानी कर्मवीर की संतान है ,जिसने हमारे पिता तुल्य कुलिश जी की धरोहर को उनके कार्य को शम्भाला और आगे बढाया है ..,
    आदरणीय गुलाब जी आपका स्वागत है .. यहाँ आपको देखकर मुझे कोई आश्चर्य नहीं हुआ .. में पत्रिका पढ़ते हुए अक्सर सोचा करता था की आपसे कब कहाँ और कैसे मुलाखात होगी. मुझे पूरा विश्वास था की आप् मिलेंगे ज़रूर .. आज आपके दर्शन हुए और में धन्य हो गया …,
    आदरणीय गुलाब जी आपका स्वागत है हमारी शुभकामनाए सदा आपके साथ है … मक्

    Comment by mastkalandr — April 23, 2009 @ 7:00 | Reply

    • व्यक्ति अपने संस्कारों एवं ज्ञान के अनुरूप ही कर्म करता है। श्रद्धा उसे परिणाम देती है। आज जैसे इस ब्लॉग पर मिलते जाएंगे, कारवां बन जाएगा।

      Comment by gulabkothari — April 28, 2009 @ 7:00 | Reply

  7. मैं आपका पुराना पाठक हूँ ज्यादा नहीं कोई पच्चीस साल पुराना… वर्ष 2005 से आपने लेखन या यों कहूँ कि अपने लिखे के प्रकाशन में गति बनाई. मैं सोचता था आपसे संवाद का कोई तो सजीव माद्यम हो फिर लगता कि आपको कहाँ समय होगा इस सब के लिए… आज ब्लॉग अग्रीग्रेटर के जरिये आपके चिट्ठे की सूचना मिली तो अभी पहुंचा हूँ. अब आपको पढूंगा और फिर कुछ सामर्थ्य हुआ तो लिखूंगा ये टिपण्णी तो मात्र आपका आभार व्यक्त करने के लिए है.

    Comment by kishore — April 23, 2009 @ 7:00 | Reply

    • जिज्ञासा ही नए मार्ग प्रशस्त करती है। मुझे भी आपके मन को समझने का अवसर मिलेगा। आभार!

      Comment by gulabkothari — April 28, 2009 @ 7:00 | Reply

  8. Chunavon ki acchi samiksha ki aapne. Swagat.

    Comment by Abhishek — April 23, 2009 @ 7:00 | Reply

  9. आपका ब्लॉग में पदार्पण ब्लॉग जगत का ओचित्य और सार्थकता साबित करता है, नवीन मीडिया के इस सशक्त माध्यम में आपका स्वागत है.
    रजनीश के झा

    Comment by Rajneesh K Jha — April 23, 2009 @ 7:00 | Reply

    • संचार माध्यम का यह प्रयोग कई लोगों को एक साथ जोडने में सक्षम है। मेरा लक्ष्य भी यही तो है।

      Comment by gulabkothari — April 28, 2009 @ 7:00 | Reply

  10. शिखर पर बैठने वाले के लिए ऊपर जाना संभव नहीं होता। चलना है तो नीचे आना ही पडता है। देता भी वही है जिसके पास होता है। aapko blog par dekhkar sukhad aasharya hua. swagat aapka.

    Comment by varshamirza — April 23, 2009 @ 7:00 | Reply

    • ताकि आप जैसे अनेक विद्वत्जनों के विचारों से भी सीखने का सौभाग्य प्राप्त हो।

      Comment by gulabkothari — April 28, 2009 @ 7:00 | Reply


RSS feed for comments on this post. TrackBack URI

Leave a reply to amit Cancel reply

Create a free website or blog at WordPress.com.