आज सत्ता पाने के लिए उतने ही गिर सकते हैं, जैसे लोग मां-बाप को मारकर या जेल में डालकर सत्ता हासिल करते थे। लोकतंत्र में केजरीवाल का कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाना तो थूककर चाटना ही कहा जाएगा। “आप” पार्टी का गठन भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करने के लिए किया गया था। दिल्ली की कांग्रेस सरकार को अपदस्थ करने के लिए चुनाव लड़ा गया था। कुछ दिन पहले तक केजरीवाल एवं अन्य पदाधिकारी कह रहे थे कि “हम न किसी को समर्थन देंगे और न किसी का समर्थन लेंगे।” और आज अचानक कांग्रेस समर्थन से सरकार बनाने का आत्मघाती ऎलान कर दिया। अपनी बात पर यदि डटे रह जाते तो क्या आफत आ जाती?
कहावत है कि दुश्मन का दुश्मन दोस्त। उस दृष्टि से तो भाजपा ही मित्र होती। किन्तु जिस शत्रु को परास्त करने निकले, पूरी जनता को साथ लेकर, उसी के आगे घुटने टेक दिए। धत् तेरे की! पूरा देश जानता है कि कांग्रेस के खाते राष्ट्रमण्डल खेलों जैसे घोटालों की लम्बी सूची है। शीला दीक्षित सरकार इनमें आकण्ठ डूबी थी। इस कारण ही पार्टी को दिल्ली वालों ने सिर पर उठाया। कांग्रेस समर्थन की बात यदि चुनाव पूर्व बता देते, तो शायद स्वयं केजरीवाल भी हार गए होते। आप की घोषणा जनता के साथ नाइंसाफी है। भले ही जन सहमति की बात की जा रही हो। वास्तविकता तो यह है कि ऎसा होने पर सपा, बसपा और “आप” में फर्क ही नहीं रह जाएगा!
कांग्रेस आज भी कह रही है कि हम बिना शर्त समर्थन नहीं दे रहे। शीला दीक्षित कह रही हैं, जो आज विधायक भी नहीं हैं। तब सत्ता का मोह अचानक कांग्रेस संस्कृति से जुड़ने को कैसे तैयार हो गया। क्या कोई गुप्त समझौता हो गया है, केन्द्र सरकार के साथ? केजरीवाल दुधमुंहे बच्चे नहीं हो सकते। वे भी जानते होंगे कि जब-जब कांग्रेस अपमानजनक स्थिति में आने को हुई, इसने अपना समर्थन लौटाने में कभी देर नहीं लगाई। इतिहास साक्षी है कि चौधरी चरण सिंह की, चन्द्रशेखर की, देवगौड़ा की और इन्द्रकुमार गुजराल की सरकारें कांग्रेस के समर्थन वापस लेने से ही गिरी थीं। तब कांग्रेस कौन केजरीवाल की समधन लगती है।
जैसे ही पहली फाइल राष्ट्रमण्डल खेलों की खुली, वैसे ही कांग्रेस का ताण्डव शुरू हो जाएगा। कांग्रेस को सहन करना, चुप रहना आता ही नहीं है। कांग्रेस का समर्थन स्वीकार करके केजरीवाल ने उस पर उपकार ही किया है। सरकार कोई लम्बी चलने वाली नहीं है। आप पार्टी का सत्ता का मोह जल्द ही टूट जाएगा। मार खाकर जाने से अच्छा है अभी भी पीछे हट जाएं। इसमें भविष्य सुरक्षित भी रहेगा और सुनहरा भी। मजबूरी में हटना पार्टी को राजनीति से बाहर भी कर सकता है।
जनता ने आप की घोषणाओं के आधार पर मत दिया है। आप को परिणाम देने होंगे। भ्रष्टाचार तथा घोटालों में लिप्त लोगों के विरूद्ध निष्पक्ष कार्रवाई करके भी दिखानी पड़ेगी। एक साथ दो घोड़ों पर सवारी करने का अर्थ कौन नहीं जानता। एक माह में फाइलें नहीं खुली तो आप पार्टी का सत्ता मोह स्पष्ट हो जाएगा। तब शायद दोबारा चुनाव लड़ने की हैसियत भी नहीं बचे। क्यों आत्महत्या पर तुले हो, केजरीवाल। हो जाने दो दुबारा चुनाव। बहुमत से सरकार बनाना।
-गुलाब कोठारी
आपकी इस प्रस्तुति को आज की बुलेटिन मोहम्मद रफ़ी साहब और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर …. आभार।।
Comment by HARSHVARDHAN — December 24, 2013 @ 7:00 |
धन्यवाद!
Comment by gulabkothari — January 29, 2014 @ 7:00 |
Dear Gulab Kothari ji,
I was just reading Rajasthan Patrika today’s news paper on the front page I saw your article how can you pass such a sweeping
statement for AAP(AAM AADMI PARTY) which is the hope for every honest indian.
I can never believe that you are not aware of that AAP is forming a minority govt. There is a confusion created among people
that AAP is forming govt with congress support,Please be clear in your mind that AAP is forming a minority govt..It does not
matter for AAP If cong is supporting from outside or not,we will not compromise on our agenda and we will do our service
without compromise on policies or corruption.We were ready for reelection also but the public wanted us to form the govt as
long as we are in the govt we will keep doing our work as promised.
Ygendra Yadav ji has also said yesterday “Cong is not our ALLY.our govt can fall on very first day also we don’t have any
deal with either BJP or CONG”
So its my humble request to you sir you are respected personality and people having faith on you please don’t spread rumors.
Thanks & Regards,
Neeraj Sharma
+971-527478171
Comment by Neeraj Sharma — December 24, 2013 @ 7:00 |
Thanks Neeraj ji
Comment by gulabkothari — January 29, 2014 @ 7:00 |
CHAL DARIYA ME…..
KEJRIWAL PROVES THAT HAMAM ME SAB NANGE HAI
SASHAKT AUR SATIK ABHIVYAKTI
SHUKRIYAA BHAI SAHIB
SAJJAN RAJ MEHTA
Comment by sajjanraj Mehta — December 24, 2013 @ 7:00 |
धन्यवाद!
Comment by gulabkothari — January 29, 2014 @ 7:00 |
it ws amazing sir……
ryt said sir……kejriwal ko bahumat se hi sarkar banani chahie thi…..
sir i m a big fan of u…:-))
mujhe sabse achcha aapka wo likha hua lagta hai sunday ka sanskar or aadha….amazing…..:-))
Comment by sarika119 — December 24, 2013 @ 7:00 |
Thanks Sarika ji
Comment by gulabkothari — January 29, 2014 @ 7:00 |